जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
It is made of forty verses (chalisa), created during the Hindi language. The chalisa is structured inside a poetic structure and is widely recited by devotees as a means to praise and seek out blessings from Lord Shiva.
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
बृहस्पतिदेव shiv chalisa lyricsl की कथा
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सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥